कलम मेरा ईमान, कलम ही मेरी पहचान है।
क्योंकि,
जब मैं था अकेला तन्हा और भटका हुआ,
इसने मुझे आवाज़ दी,
जब मैं था बिछड़ा सहमा और हारा हुआ,
इसने ही मुझे सँभाला।
कलम मेरा भगवान, कलम ही मेरी पूजा है।
क्योंकि,
जब मैं घिरा अंधकार और छल कपट से,
इसने मुझे उजाला दिया,
जब मैं उलझा सांसारिक मोह माया में,
इसने ही मुझे रास्ता दिया।
कलम मेरा गुरु, कलम ही मेरी साधना है।
क्योंकि,
जब चला मैं दिशाहीन अनजान रास्तों पर,
इसने मुझे मकसद दिया,
जब बुराईयों ने मन में घेरा दिया,
इसने ही मुझे लड़ने को एक हथियार दिया।
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