मेरी गलती क्या है मुझे ये तो बताओ? क्यों मुझपर ज़ुल्म होते है क्यों मेरी इज़्ज़त के किस्से बनते हैं क्यों मुझे कमज़ोर समझा जाता है आखिर क्यों मुझे ही शिकार बनाया जाता है? मेरी गलती क्या है मुझे ये तो बताओ? मानती हूँ मेरे जिस्म पर दाग हैं पर मेरा साफ दिल क्यों नहीं दिखता मानती हूँ मैं ख़यालों की मलिका नहीं पर मेरा आचरण किसी को क्यों नहीं दिखता? मेरी गलती क्या है मुझे ये तो बताओ? क्यों मुझे अपना वर चुनने का हक़ नहीं क्यों मुझे आवाज़ उठाने का अधिकार नहीं क्यों मेरी सफलता को दबाया जाता है आखिर क्यों मेरे ही सपनों का गला घोंटा जाता है? मेरी गलती क्या है मुझे ये तो बताओ? क्यों मेरे कपड़ों पर टिप्पणी होती है क्यों मेरी आज़ादी पर रोक लगती है क्यों सिर्फ मुझको ही समाज की रीतियां समझायी जाती है आखिर क्यों मेरे ही चरित्र पर कीचड़ उछाला जाता है?
Short and little poems, both in Hindi and English. Whatever i see and feel, i mould them into poems.